
साहब यहाँ पर आंगनबाड़ी की छत टूटकर गिरी,बाल बाल बचे बच्चे!
नौनिहालों की जिंदगी से आखिर खिलवाड़ क्यों कर रहा महिला बाल विकास परियोजना विभाग?

असलम खान धरमजयगढ़ :- विकासखंड धरमजयगढ़ अंतर्गत स्थित एक गांव में आंगनबाड़ी केंद्र की छत अचानक टूटकर गिरने की खबर सामनेआई है!यहां राहत की बात रही की पास में ही मासूम बच्चे खेल रहे थे,लेकिन कोई चोटिल नही हुआ है।
मिली जानकारी मुताबिक आज सुबह लगभग 9:30 बजे ग्राम तरेकेला के स्कूल पारा की यह घटना है,जहां मौके के पास में ही 05 झने बच्चे आंगनबाड़ी केंद्र में मौजूद थे,आंगन बाड़ी कार्यकर्ता ने बताया की हादसे के समय मासूम बच्चे वहां पे खेल रहे थे, ठीक उसी वक्त अचानक छत का प्लास्टर टूटकर गिर पड़ा,सौभाग्य से किसी भी बच्चे को चोट नही आई,लेकिन यहां एक बड़ा हादसा होते होते टल गया,और नौनिहाल बच्चे बाल बाल बच गए।
प्राप्त डेटा अनुसार बता दें स्कूल पारा तरेकेला स्थित आंगनबाड़ी भवन को बने 30 साल हो चुका है,सबंधित विभाग ने इस भवन को बिना कालम वाला भवन बनाया था,दीवारें काफी कमजोर हो चुकी हैं,छत में लगे हल्की क्वालिटी का सरिया बाहर की ओर झांक रहा है। देखा जाए तो वर्तमान में भवन की स्थिति काफी जर्जर है!लेकिन इसके बावजूद यहां आंगनबाड़ी केंद्र संचालित करना समझ से परे है।इस आंगनबाड़ी केंद्र में दर्ज संख्या 03 से 06 वर्ष आयु के 20 बच्चे, तथा 06 माह से 03 वर्ष के 21 बच्चे, वहीं गर्भवती महिला की संख्या09 एवम जन्म बच्चा 01 की तादाद में है।
इस संबंध में वहां की सेक्टर प्रभारी शैलेस यादव ने फोन करने पर बताया की आंगन बाड़ी बिल्डिंग की हालत जर्जर अवस्था में है,हमने कार्यकर्ता को वहां बच्चों को बैठाने से पहले ही मना किया था!
वहीं ग्राम सरपंच ,सचिव द्वारा जनपद पंचायत सहित एकाकृत महिला बाल विकास परियोजना कार्यालय में संबंधित अधिकारियों को आंगनबाड़ी भवन खस्ताहाल होने की सूचना देने की बात कही गई।बहरहाल सभी जिम्मेदार इस घटना से अपना पल्ला झाड़ने का प्रयास करने में लगे हैं,इस घटना के बाद क्षेत्र के जिम्मेदार जनप्रतिनिधियों की सुस्ती भी साफ तौर पर बयां हो रही है।लेकिन मामला चूंकि मासूम बच्चों से जुड़ा है,इसलिए बेहद संजीदा है,इसलिए इसकी जांच करने की मांग स्थानीय ग्रामवासियों ने की है।विभागीय जांच उपरांत दोषी अधिकारी कर्मचारी पर कार्यवाही होती है या नहीं,ये देखने वाली बात होगी?